बॉस्टन दुनिया भर के शहरों में तुम्हारा बहुत पसंदीदा शहर। वैसे तुम बहुत अच्छे शहरों में रह चुकी हो। बैंगलोर, शिमला, अम्बाला केन्ट-शिमला-और फिर चण्डीगढ़ 1957-1969 तक। अमेरिका आने से पहले-शहर के साथ-साथ तुम्हारा बढऩा पनपना-तुम गवर्नमेंट कॉलेज फॉर बॉयज की छात्रा, कॉलेज को जाती सड़क, नाला बनती और कोई अन्जाना कॉलेज का लड़का तुम्हें अपनी साईकिल के अगले स्टैण्ड पर बिठा नाला पार करवाता। और हड़बड़ाहट में तुम शुक्रिया, न अदा कर पाती-उसका गिला आज तक है। ठीक उसी तरह तुम Brookline से बस ले-हार्वर्ड मेडिकल स्कूल काम पर जाने-को, तुम्हें सड़क पार बस पकड़नी है दोनों तरफ आती जाती गाड़ियाँ, साथ के नर्सिंग होम का बूढ़ा यहूदी-बीच सड़क पहुँच गाड़ियाँ, रोकता- तुम घबरा कर कहती यह आपने क्या किया-तुम्हारी बस आ रही थी तुम सड़क न पार कर पाती तो तुम्हारी बस मिस हो जाती- कुछ दिनों बाद वो अनजाना यहूदी दूसरे नर्सिंग होम चला गया और तुम उसे क्रिसमस का गिफ्ट भी नहीं दे पाईं- नाम तो जानती भी नहीं थी- कैसे कुछ शहर वाले बरसों से साथ-साथ चलते।